HYPERLIPIDAEMIAS- अतिलिपिड रक्तता

Hyperlipidemia क्या है?

भूखे पेट में सीरम के एक या अधिक लाइपिडों का स्तर बढ़ा हुआ हो तो ऐसी स्थिति को अतिलिपिड रक्तता (Hyperlipidaemias) कहते हैं। व्यावहारिक तौर पर इस स्थिति का मूल्यांकन सीरम के कोलेस्टरॉल (सामान्य स्तर 150 से 250mg/100ml) एवं ट्राइग्लेसेराइड (सामान्य स्तर 35 से 185 mg/100ml) के स्तरों को माप कर किया जा सकता है। रक्त में लिपिड और कोलेस्टरॉल की मात्रा बढ़ जाती है।

# Types of Hyperlipidemia

कारणों के आधार पर अतिलिपिड रक्तता दो प्रकार की होती है- 1. प्राथमिक अतिलिपिड रक्तता (Primary hyperlipidaemia)

2. द्वितीयक अतिलिपिड रक्तता (Secondary hyperlipidaemia) 1. प्राथमिक अतिलिपिड रक्तता – यद्यपि कारण अज्ञात है लेकिन ऐसा अनुमान है कि शायद यह लाइपिड चयापचय में हुए किसी आनुवांशिक दोष के कारण होती है। कतिपय बाहरी फैक्टर-खान-पान, शराब या दवाओं (ईस्ट्रोजेन, गर्भ निरोधक गोलियाँ एवं कार्टीजोन इसको बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।

2. द्वितीयक अतिलिपिड रक्तता -यह स्थिति कई प्रकार की रुग्ण स्थितियों के कारण हो सकती है। जैसे-मधुमेह, थाइराइड अल्पक्रियता, अवरोधी कामला, यकृत सिरहोसिस, गठिया, बहुमाइलोमा, रक्तिम ल्यूपस, गर्भाधान के दौरान पैंक्रियाज शोथ, अपवृक्कीय संलक्षण से।

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