GASTRIC ULCER-10 – पेट का अल्सर / आमाशयिक व्रण: 10 Powerful & Safe Ways for Relief

रोग परिचय

GASTRIC ULCER-10
GASTRIC ULCER-10

GASTRIC ULCER-10 इसका अर्थ है-“आमाशय (Stomach) में व्रण” इसमें आमाशय में ऊपर, बीच में में या बिलकुल नीचे के भाग में व्रण (घाव, छाला-ulcer) हो जाता है। गैस्ट्रिक अल्सर को आमाशय क्षत या आमाशय व्रण कहा जाता है। गैस्ट्रिक अल्सर को पेप्टिक अल्सर भी कहते हैं।

रोग के प्रमुख कारण

GASTRIC ULCER-10 होने का प्रमुख कारण एसिड (Acid) बनना या बढ़ना है। शराब पीना, माँस खाना, मसाले वाला चटपटा खाना लाल मिर्च ज्यादा खाना, तम्बाकू और चूना मिलाकर उसे मसल कर खाना, अरहर की दाल, उड़द की दाल, खट्टे सन्तरे, खट्टे आम खट्टे अंगूर, अमचूर की खटाई का सेवन करते रहने से एसिड बनकर बढ़ता रहता है। नींबू, आम का अचार, खट्टी चटनियाँ या खट्टा दही एसिड बनाते हैं। फलस्वरूप ये व्रण बन जाते है।

कुछ विशेष कारण भी

1. कॉफी और कोकाकोला, पेप्सी जैसे कफिन वाले द्रव्य भी पेट में अल्सर पैदा करते हैं।

2. कोलतार (Coltar) या उससे बने हुए पदार्थों का सेवन करने से अल्सर बहुत शीघ्र होता है। ऐसे पदार्थों में जुलाब की अंग्रेजी दवाइयाँ, नींद की गोलियाँ, सिन्थेटिक विटामिन्स, एस्प्रिन आदि का समावेश होता है। कोलतार पैट्रोलियम पदार्थ है।

3. सर्दी, जुकाम और दमे के रोगियों को भी गर्म दवायें लेनी पड़ती हैं। इन दवाओं का और विशेष कर एलोपैथिक दवाओं का अल्सर पैदा करने में बहुत बड़ा हाथ होता है।

4. आजकल अल्सर रोग से ग्रस्त अधिकांश रोगियों में अल्सर का मुख्य कारण मानसिक माना जा रहा है।

रोग के प्रमुख लक्षण

GASTRIC ULCER-10 रोग में पेट में हल्का-हल्का दर्द होता रहता है। दर्द जो हल्के रूप में प्रारम्भ होता है खाने के आधे घण्टे बाद बहुत बढ़ जाता है और भोजन के द्वारा बाहर निकल जाता है। रोगी अपने आप भी कै करने की कोशिश करता है क्योंकि के आने के बाद पेट दर्द शान्त हो जाता है। कण्ठ, पेट और छाती में जलन होती है। सन्धि वात या आमवात के रोगी यदि लम्बे समय तक गर्म दवाओं का सेवन करते रहें, तो उससे एक लम्बे अरसे के बाद पेट में अल्सर हो जाता है। शराब भी इसका मुख्य कारण है।

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